Goat farming in India: the growing Agriculture business



Goat farming in India: the growing Agriculture business   

Goat Farming बकरी पालन, भारत एक कृषिप्रधान देश है ये तोह आप जाणते ही हैं गाव मे रहणे वाले किसान अपणा आर्थिक स्थर बढाने के लिये कृषिपुरक व्यवसाय पर ज्यादा निर्भर होते है भारत Goat Farming बकरी पालन एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है। कम निवेश के कारण इस व्यवसाय ने काफी लोकप्रियता हासिल की है इस व्यवसाय मे ज्यादा भांडवल की आवश्यकताएँ, नहीं होती है साथ ही उच्च लाभप्रदता और रोजगार के अवसर पैदा करने की बडी क्षमता है। यह लेख भारत में बकरी पालन Goat Farming  का एक सिंहावलोकन प्रदान करता है, जिसमें इसका महत्व,बकरी की नस्लें, Goat Farming बकरी पालन के तरीके, आर्थिक लाभ जैसी जाणकारी शामिल हैं।

Goat farming





Goat farming बकरी पालन मे आणेवाली चूनौतियाँ,बकरी पालन का महत्व:


भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में बकरी पालन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ भूमिहीन मजदूरों के लिए अधिकतम आय का एक मूल्यवान स्रोत माना जाता है। बकरियां बहुमुखी जानवर हैं जो विभिन्न जलवायु के अनुकूल हो सकती हैं। ओर ये परिस्थितियाँ के नुसार छोटे स्तर की खेती के लिए उपयुक्त हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बकरी के मांस, दूध और अन्य उप-उत्पादों की मांग लगातार ऊंची बनी हुई है।

Goat Farming भारत में लोकप्रिय बकरी की नस्लें:


भारत मे विभिन्न देशी बकरी नस्लों का घर है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं और अनुकूलन क्षमता है। भारत में बकरी की कुछ लोकप्रिय नस्लों में जमुनापारी, सिरोही, बीटल, उस्मानाबादी, बारबरी और ब्लैक बंगाल शामिल हैं। ये नस्लें अपने उच्च मांस उत्पादन, दूध की उपज और स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता के लिए जानी जाती हैं। इसके अतिरिक्त, बोअर और एंग्लो-न्यूबियन जैसी विदेशी नस्लों में रुचि बढ़ रही है, जो उच्च मांस उपज और अनुकूलन क्षमता प्रदान करती हैं।

Goat Farming बकरी पालन की प्रथाएँ:


भारत में Goat Farming बकरी पालन की प्रथाएँ भौगोलिक स्थानों, उपलब्ध संसाधनों और खेती के उद्देश्य के आधार पर भिन्न होती हैं। व्यापक और अर्ध-गहन प्रणालियाँ आमतौर पर होती हैं ऐसा अभ्यास किया गया है। व्यापक प्रणाली में, बकरियाँ प्राकृतिक चरागाहों पर चरती हैं और झाड़ियों और पेड़ों को खाती हैं । बकरी पालन की अपने क्षेत्र के हिसाब से अनेक प्रणालीया है जैसे अर्ध-गहन प्रणाली इसमे बकरियों को पूरक आहार और आश्रय सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। जगह और संसाधनों के कुशल उपयोग के कारण स्टॉल-फीडिंग सिस्टम भी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। दुसरी ओर एक महत्वपूर्ण प्रणाली ये भी है की बकरी को खुले मे चराने के लिये लेके जाते है इसमे मांस के गुणवत्ता पर अच्छा असर पडता है ये बकरी का मांस अच्छा रहाता है ओर ये कम लागत मे बकरी पालन हो सकता है लेकीन इसमे चराऊ जमीन ज्यादा होणा एक महत्वपुर्णओर बडी बात है




Goat Farming बकरी पालन से अर्थिक लाभ: 

Goat Farming बकरी पालन से किसानों और उद्यमियों को कई आर्थिक लाभ मिलते हैं। इसमें कम प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता होती है और अन्य पशुओं की तुलना में गर्भधारण की अवधि कम होती है कभी कभी 14 महीने 2 बार बच्चे होते है इसमे भी ज्यादा तर बकरी 2 से 3 बच्चे को जन्म देती है बकरियों में प्रजनन दर उच्च होती है, कई बार जन्म होना आम बात है, जिससे झुंड का तेजी से विकास होता है। बकरे के मांस की मांगदिनब दिन बढती ही जा रही है अभी हमारे भाग मे 700 से 800 kg के हिसाब से बकरे का मांस मिल रहा है आपके भाग मे इतनाही भाव है क्या कॉमेंट मे जरूर बताईएगा इसमे आपका एरिया ओर रेट जरूर डालना बकरी का दूध भी शहर मे दाम की उचाईया छु रहा है अपने पोषण मूल्य और स्वाद ओर कुछ आयुर्वेदिक गुणधर्म के कारण लगातार बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त, बकरी के दूध और इसके उप-उत्पादों, जैसे पनीर और साबुन, का घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार बढ़ रहा है।




Goat Farming  बकरी पालन में चुनौतियाँ: 


इसके कई फायदों के बावजूद, भारत में Goat Farming बकरी पालन को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। किसानों के बीच उचित ज्ञान और तकनीकी कौशल की कमी के कारण अक्सर उत्पादकता और लाभप्रदता कम होती है। रोग प्रबंधन, विशेष रूप से परजीवी संक्रमण और श्वसन संबंधी बीमारियाँ, बकरियों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर सकती हैं। ऋण सुविधाओं, विपणन बुनियादी ढांचे और विश्वसनीय बाजार संबंधों तक सीमित पहुंच भी क्षेत्र के सतत विकास के लिए चुनौतियां पैदा करती है।

Goat Farming बकरी पालन मे भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता हैं। किसानों के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना, नस्ल सुधार पर ध्यान केंद्रित करना और इस आशाजनक क्षेत्र की क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने के लिए मूल्य संवर्धन के अवसरों का पता लगाना महत्वपूर्ण है।

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सुरेश गुलगे
मंगल अँग्रो फार्म

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